BNSS धारा 106 और 107 — पुलिस और बैंक स्टाफ के लिए विस्तृत मार्गदर्शन
1. मुख्य कानूनी सवाल
क्या पुलिस BNSS की धारा 106 के तहत बैंक खाता फ्रीज़ कर सकती है?
👉 उत्तर: बिल्कुल नहीं।
बॉम्बे हाईकोर्ट (2025) और केरल हाईकोर्ट (2025) ने स्पष्ट कहा है कि:
✔ धारा 106 = केवल जब्ती (Seizure)
✔ धारा 107 = अटैचमेंट/फ्रीज़िंग (Attachment / Freeze / Forfeiture)
इसलिए:
धारा 106 के तहत पुलिस को बैंक खाता फ्रीज़ करने का अधिकार नहीं है।
खाता फ्रीज़ करने के लिए धारा 107 के तहत मजिस्ट्रेट का आदेश अनिवार्य है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी इस सिद्धांत में दख़ल नहीं दिया — यानी कानून अब पूरी तरह साफ़ है।
2. धारा 106 BNSS — पुलिस की सीमा (Limitations)
2.1 धारा 106 केवल "जप्ती" (Seizure) की अनुमति देती है
पुलिस केवल ऐसी संपत्ति जब्त कर सकती है जो:
- चोरी की हो, या
- अपराध का संदेह पैदा करती हो
लेकिन बैंक बैलेंस को “जप्त करना” संभव नहीं है, क्योंकि यह अमूर्त संपत्ति (Intangible Property) है।
2.2 बैंक खाता फ्रीज़ करना = अटैचमेंट
यह केवल धारा 107 के तहत किया जा सकता है।
2.3 धारा 106 में भी पुलिस को मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट देना अनिवार्य है
सीज़र मेमो बनाना चाहिए
→ और तुरंत मजिस्ट्रेट को भेजना चाहिए
3. धारा 107 BNSS — बैंक खाता फ्रीज़ करने की वैध प्रक्रिया
यदि किसी बैंक खाते में अपराध का पैसा (Proceeds of Crime) है, तो:
पुलिस को मजिस्ट्रेट के पास आवेदन देना अनिवार्य है।
मजिस्ट्रेट के पास अधिकार है:
✔ खाता फ्रीज़/अटैच करने का
✔ जरूरी होने पर तुरंत (Ex parte) अंतरिम आदेश देने का
✔ बाद में सुनवाई कर अंतिम आदेश देने का
✔ पीड़ितों को पैसा लौटाने या ज़ब्त करने का निर्देश देने का
बिना मजिस्ट्रेट आदेश → फ्रीज़िंग अवैध है।
4. पुलिस के लिए कानूनी परिणाम (अगर धारा 106 से खाता फ्रीज़ किया जाए)
4.1 कार्रवाई अवैध मानी जाएगी (Ultra Vires)
ऐसी फ्रीज़िंग:
- कानून के बाहर है
- हाईकोर्ट द्वारा निरस्त की जा सकती है
- संविधान के अनुच्छेद 300A का उल्लंघन है
4.2 मुआवज़ा देना पड़ सकता है
अगर नागरिक को:
- आर्थिक नुकसान
- कारोबार बंद
- प्रतिष्ठा हानि
होती है तो पुलिस विभाग को मुआवज़ा देना पड़ सकता है।
5. बैंक की कानूनी जिम्मेदारियाँ (I4C FAQ No. 21 के अनुसार)
बैंक क्या कर सकता है?
✔ केवल Lien (राशि को अस्थायी रोकना) लगा सकता है
✔ वह भी सिर्फ उतनी रकम पर, जो संदिग्ध है
बैंक क्या नहीं कर सकता?
❌ पूरा खाता फ्रीज़
❌ सभी डेबिट बंद
❌ केवल पुलिस के ईमेल/फोन पर पूरा खाता ब्लॉक
❌ धारा 106 के आधार पर कार्रवाई
✔ पूरा फ्रीज़ = केवल मजिस्ट्रेट आदेश पर
6. अगर बैंक गलती से अवैध फ्रीज़ कर दे तो जोखिम
6.1 सिविल जिम्मेदारी
- मुआवज़ा
- ग्राहक नुकसान
- शिकायतें
6.2 नियामकीय जिम्मेदारी (RBI)
- कंप्लायंस उल्लंघन
- बैंकिंग लोकपाल में शिकायत
6.3 कानूनी जोखिम
अदालतों ने ऐसी हरकतों पर तीखी टिप्पणी की है।
7. सही SOP — पुलिस और बैंक दोनों के लिए
A. पुलिस (Investigation Officer) के लिए सही प्रक्रिया
- शिकायत प्राप्त करें
- संदिग्ध खाता पहचानें
- NCRP के माध्यम से सिर्फ Lien Request भेजें
- तुरंत धारा 107 का आवेदन तैयार करें
- मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करें
- मजिस्ट्रेट आदेश जारी करेगा
- आदेश बैंक को दें
- जांच आगे बढ़ाएं
👉 धारा 106 से फ्रीज़ बिल्कुल ना करें।
B. बैंक/Nodal Officer के लिए सही प्रक्रिया
- NCRP Complaint Number → केवल Lien लगाएं
- देखें कि आदेश है या नहीं
- धारा 107 का आदेश है → ही फ्रीज़ करें
- धारा 106 का पत्र → फ्रीज़ करने से मना करें
- सही दस्तावेज रखे
- समय सीमा में पैसा रिलीज करें (यदि आदेश न मिले)
