अब Active SIM बिना नहीं चलेंगे WhatsApp, Telegram, Signal जैसे ऐप — DoT ने जारी की नई SIM Binding Guidelines (2025)

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📢 अब Active SIM बिना नहीं चलेंगे WhatsApp, Telegram, Signal जैसे ऐप — DoT ने जारी की नई SIM Binding Guidelines (2025)

भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने 28 नवंबर 2025 को एक बड़ा साइबर सुरक्षा आदेश जारी किया है। इस नए नियम को “SIM Binding Guidelines” कहा गया है। इसका सीधा असर WhatsApp, Telegram, Signal, Snapchat, ShareChat, JioChat, Arattai और Josh जैसे सभी App-Based Communication Services पर पड़ेगा।

यह नियम क्यों लाया गया, क्या बदलेगा, कब तक लागू होगा — आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।

📌 SIM Binding क्या है?

सरल शब्दों में SIM Binding का मतलब है कि अब जिस मोबाइल नंबर से आपका WhatsApp/Telegram/Signal अकाउंट चल रहा है,
उसी SIM को आपके फोन में मौजूद होना जरूरी होगा।

अगर SIM बाहर निकाल दी जाती है, बंद हो जाती है, या दूसरे फोन में डाल दी जाती है —
तो आपका ऐप काम नहीं करेगा

❗ DoT ने यह आदेश क्यों जारी किया?

PDF के पेज-1 और पेज-2 में सरकार ने कारण बताए हैं (स्रोत: ):

🔹 1. साइबर धोखाधड़ी बढ़ रही थी

कई ऐप्स मोबाइल नंबर का उपयोग तो करते थे, लेकिन बाद में SIM की जरूरत नहीं रहती थी।
इस कमजोरी का फायदा उठाकर विदेशी साइबर गैंग भारतीय यूज़र्स से धोखाधड़ी कर रहे थे।

🔹 2. बिना SIM के ऐप चलाना अब सुरक्षा जोखिम

ऐसे अकाउंटों का पता लगाना मुश्किल होता था, जिससे अपराधी बेफिक्र होकर फर्जी प्रोफाइल बनाते थे।

🔹 3. टेलीकॉम इकोसिस्टम की सुरक्षा

DoT के मुताबिक, यह कदम भारत की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए जरूरी था।

📝 DoT की मुख्य दिशानिर्देश (Guidelines) — सरल व्याख्या

1️⃣ 90 दिनों के अंदर सभी ऐप्स में SIM Binding लागू करना जरूरी

App-Based Communication Services को सुनिश्चित करना होगा कि:

  • ऐप लगातार उसी SIM से लिंक रहें,
  • अगर SIM फोन में नहीं है, तो ऐप चलना असंभव हो जाए

इसका मतलब — अब active SIM अनिवार्य होगी।

2️⃣ WhatsApp Web / Telegram Web / Signal Desktop को हर 6 घंटे में ऑटो-लोगआउट

अगर आप QR कोड से वेब पर लॉगिन करते हैं, तो:

  • हर 6 घंटे में स्वचालित लॉगआउट होगा,
  • आपको दोबारा QR स्कैन कर के पुनः लॉगिन करना होगा।

👉 इससे अपराधियों द्वारा चुपके से वेब-लिंक करके अकाउंट हाइजैक करने की समस्या खत्म होगी।

3️⃣ 120 दिनों में DoT को रिपोर्ट जमा करना जरूरी

सभी प्लेटफॉर्म (WhatsApp, Telegram, Signal आदि) को:

  • 4 महीनों के अंदर DoT को लिखकर बताना होगा कि उन्होंने इस आदेश का पालन किया है।

4️⃣ नियम नहीं मानने पर कड़ी कार्रवाई

  • Telecom Act 2023
  • Telecom Cyber Security Rules 2024

के तहत सख्त कार्रवाई होगी — भारी जुर्माना + सेवा प्रतिबंध तक संभव।

5️⃣ आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है

  • यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू है
  • जब तक DoT इसे संशोधित या वापस नहीं लेता, तब तक लागू रहेगा।

📲 आपके लिए इसका क्या मतलब? (User Impact)

✔ अब बिना SIM के WhatsApp-Telegram नहीं चल पाएंगे

अगर आपकी SIM बंद है, expired है, या फोन से निकाल दी गई है —
तो ऐप तुरंत ब्लॉक हो जाएगा।

✔ दो फोन में एक SIM से ऐप चलाने का सिस्टम खत्म

एक फोन में SIM और दूसरे फोन में ऐप — अब यह संभव नहीं होगा।

✔ WhatsApp Web/Telegram Web पर बार-बार लॉगिन करना पड़ेगा

हर 6 घंटे में ऑटो-लोगआउट।

✔ फर्जी अकाउंट बनाना अब मुश्किल

अपराधियों के लिए multiple fake accounts बनाना कठिन होगा।

🔐 यह नियम किन ऐप्स पर लागू होगा?

  • WhatsApp
  • Telegram
  • Signal
  • Arattai
  • Snapchat
  • ShareChat
  • JioChat
  • Josh

और सभी App-Based Communication Services।

🎯 सरकार का उद्देश्य क्या है?

  • भारत में साइबर अपराध कम करना
  • Online सुरक्षा मजबूत करना
  • विदेशी धोखाधड़ी रोकना
  • फर्जी अकाउंटों पर लगाम लगाना
  • टेलीकॉम पहचान (Identification) को सुरक्षित रखना

🧾 निष्कर्ष — आपके डिजिटल जीवन का नया नियम

DoT की नई दिशानिर्देश भारत में एक बड़ा साइबर सुरक्षा सुधार हैं।
अब हर मैसेजिंग ऐप को आपके Active SIM से अनिवार्य रूप से जुड़ा होना पड़ेगा।

यह कदम सामान्य उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा बढ़ाता है,
और अपराधियों तथा फर्जी अकाउंट बनाने वालों के लिए बड़ी चुनौती पेश करता है।

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