मेंदरडा पुलिस ने मेवात से गिर नेशनल पार्क की फर्जी बुकिंग वेबसाइट घोटाले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया

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गिर नेशनल पार्क की फर्जी बुकिंग वेबसाइट का मास्टरमाइंड मेवात से गिरफ्तार

पर्यटकों को ठगने वाले साइबर फ्रॉड का बड़ा खुलासा | मेंदरडा पुलिस की बड़ी कार्रवाई

गुजरात के जुनागढ़ ज़िले की मेंदरडा पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए गिर नेशनल पार्क–सासन गिर की फर्जी बुकिंग वेबसाइट चलाने वाले मुख्य आरोपी को राजस्थान के मेवात क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। यह गिर के नाम पर भारतीय और विदेशी पर्यटकों से लाखों रुपये की धोखाधड़ी करता था।

🔹 मामला कैसे शुरू हुआ?

सासन गिर के रेन्ज फॉरेस्ट ऑफिसर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि कुछ अज्ञात लोग गिर नेशनल पार्क, खासकर ‘सिंह सदन गेस्ट हाउस’ की ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि:

सिंह सदन गेस्ट हाउस के लिए कोई आधिकारिक ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम मौजूद ही नहीं है।

इसके बावजूद आरोपी ने दो फर्जी वेबसाइटें बनाईं:

  • sinhsadan.org
  • sinhsadan.com

इन वेबसाइटों को बिल्कुल असली जैसा डिजाइन किया गया था, ताकि पर्यटक इन्हें आधिकारिक साइट समझकर आसानी से भुगतान कर दें।

🔹 कैसे ठगी की जाती थी?

फर्जी वेबसाइटों पर कमरों और सफारी की नकली ऑनलाइन बुकिंग करवाई जाती थी।
आरोपी:

  • पर्यटकों से ऑनलाइन पेमेंट लेता था
  • फर्जी रसीदें (fake receipts) जारी करता था
  • बुकिंग कन्फर्म होने का झूठा आश्वासन देता था
  • खुद को फॉरेस्ट अधिकारी बताकर व्हाट्सएप कॉलों से पर्यटकों को गुमराह करता था
  • टेक्निकल तरीके से इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड में हेरफेर करके धोखाधड़ी करता था

इससे ना सिर्फ पर्यटकों को नुकसान हुआ, बल्कि वन विभाग की साख पर भी असर पड़ा।

🔹 मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी

मेंदरडा पुलिस स्टेशन के PI श्री पी.सी. सरवैया के नेतृत्व में टीम ने राजस्थान में रेड की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार आरोपी:

रशीद खान अयूब खान (उम्र 23 वर्ष)
निवासी – कबान का वास, गढ़ी मेवात, तालुका–दीग, राजस्थान

आरोपी के पास से ये दो मोबाइल फोन बरामद किए गए:

  1. Vivo V40e (Golden)
  2. Oppo Reno 11 (Light Blue)

यही मोबाइल साइबर फ्रॉड संचालन में उपयोग किए जाते थे।

🔹 आरोपी का बैकग्राउंड — स्कूल ड्रॉपआउट लेकिन ‘TECHDO’ नाम से इंस्टिट्यूट चलाता था

भले ही आरोपी पढ़ाई में ज्यादा आगे नहीं बढ़ा, लेकिन:

  • उसने वेब डिजाइनिंग
  • सॉफ्टवेयर कोडिंग
  • एप डेवलपमेंट

जैसी तकनीकी स्किल खुद सीखी।

यह अपने इलाके में TECHDO नाम का इंस्टिट्यूट चलाता था जहाँ वह दूसरों को कंप्यूटर और वेब डिजाइनिंग सिखाता था।

अपने इलाके के दुर्गम भौगोलिक क्षेत्र का फायदा उठाकर लगातार लोकेशन बदलते हुए आरोपी लॉ-अनफोर्समेंट से बचता रहा।

🔹 आरोपी के खिलाफ देशभर से 20 शिकायतें

NCCRP (नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) पर आरोपी के खिलाफ 20 शिकायतें पिछले कुछ महीनों में दर्ज हुई हैं।

पीड़ित राज्यों में शामिल हैं:

  • गुजरात (वडोदरा – 2 शिकायतें)
  • उत्तर प्रदेश
  • महाराष्ट्र
  • बिहार
  • दिल्ली
  • तेलंगाना
  • हरियाणा

इसके अलावा आरोपी ने इन संस्थानों के नाम पर भी फर्जी वेबसाइटें बनाई:

  • जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट, ओडिशा
  • श्री राम आश्रम, दिल्ली
  • अन्य धार्मिक आश्रम और निजी होटल

🔹 गुजरात पुलिस की सख्त चेतावनी

जुनागढ़ पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि:

  • पर्यटकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है
  • ऐसे साइबर अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी
  • गिर नेशनल पार्क की आधिकारिक जानकारी केवल सरकार-अधिकृत प्लेटफॉर्म से ही ली जाए

यह केस दिखाता है कि कैसे एक तकनीकी जानकारी वाला व्यक्ति, दूर-दराज के इलाके में बैठकर, फर्जी वेबसाइटों का जाल बिछाकर देशभर के पर्यटकों को ठग सकता है।

मेंदरडा पुलिस और जुनागढ़ रेंज की संयुक्त कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि:

➡️ टेक्निकल जांच + त्वरित कार्रवाई
➡️ इंटर-स्टेट पुलिस समन्वय

के चलते साइबर अपराधी कहीं भी हों, पकड़े जा सकते हैं।

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