डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड: अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने 1.43 करोड़ रुपये की ठगी का प्रयास किया नाकाम

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डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड: अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने 1.43 करोड़ रुपये की ठगी का प्रयास किया नाकाम



अहमदाबाद | साइबर क्राइम जागरूकता विशेष लेख

अहमदाबाद शहर में एक बार फिर “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर बुजुर्ग नागरिक को ठगने की बड़ी साजिश सामने आई है। इस मामले में साइबर अपराधियों ने एक वरिष्ठ नागरिक को डराकर लगभग 1.43 करोड़ रुपये (93 लाख म्यूचुअल फंड + करीब 50 लाख बैंक एफडी) ट्रांसफर करवाने का प्रयास किया, जिसे अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने समय रहते नाकाम कर दिया।

यह मामला न केवल साइबर अपराध की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि सजग नागरिक, बैंक अधिकारी और पुलिस के समन्वय से बड़ी ठगी रोकी जा सकती है

🔴 पूरा मामला क्या था?

दिनांक 17/12/2025 को गुरुकुल रोड स्थित रत्न इन्वेस्टमेंट कार्यालय में कार्यरत पलकभाई दोशी ने अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने साइबर क्राइम ब्रांच के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक डिजिटल अरेस्ट रेस्क्यू वीडियो देखा था।

इस वीडियो को देखने के बाद उन्हें अपने एक बुजुर्ग क्लाइंट (घाटलोडिया निवासी) के व्यवहार पर संदेह हुआ। बुजुर्ग व्यक्ति ने यह कहकर 93 लाख रुपये का म्यूचुअल फंड तोड़ने की बात कही कि वह अपने बेटे को विदेश (ऑस्ट्रेलिया) भेजना चाहते हैं। जब पलकभाई ने बेटे से संपर्क किया तो यह बात पूरी तरह झूठी निकली।

बुजुर्ग व्यक्ति अत्यधिक तनाव में थे, जिससे यह आशंका और गहरी हुई कि वे डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड के शिकार हैं।

🚨 साइबर क्राइम ब्रांच की त्वरित कार्रवाई

शिकायत मिलते ही इंचार्ज डीसीपी, साइबर क्राइम ब्रांच ने तुरंत एक टीम को बुजुर्ग के घर भेजा।

  • घर बंद मिला
  • मोबाइल लोकेशन ट्रेस की गई
  • लोकेशन अंकुर चार रास्ता स्थित एक निजी बैंक की मिली

स्पष्ट था कि बुजुर्ग व्यक्ति साइबर अपराधियों को पैसे देने के लिए बैंक पहुंचे हैं

तत्काल बैंक मैनेजर को फोन कर निर्देश दिए गए:

  • बुजुर्ग व्यक्ति को पैसे निकालने से रोका जाए
  • उन्हें सुरक्षित बैठाकर रखा जाए

कुछ ही देर में साइबर क्राइम टीम बैंक पहुंची और बुजुर्ग व्यक्ति को सुरक्षित अपने साथ ले गई।

📱 डिजिटल अरेस्ट का झूठ कैसे उजागर हुआ?

शुरुआत में बुजुर्ग व्यक्ति बेहद डरे हुए थे और मोबाइल देने से मना कर रहे थे। वे मान ही नहीं रहे थे कि “डिजिटल अरेस्ट” नाम की कोई चीज कानून में होती ही नहीं

इसके बाद:

  • उनके ऑस्ट्रेलिया में रह रहे बेटे से बात करवाई गई
  • करीबी मित्रों को बुलाया गया
  • मोबाइल फोन चेक किया गया

मोबाइल में:

  • व्हाट्सऐप वीडियो कॉल
  • फर्जी डिजिटल अरेस्ट दस्तावेज
  • मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर कॉल

मिले।

साइबर अपराधियों ने बुजुर्ग को बताया था कि:

  • वे मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे हैं
  • उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया गया है
  • बैंक बैलेंस “वेरिफिकेशन” के लिए ट्रांसफर करना होगा

साइबर क्राइम टीम ने स्पष्ट किया कि:

डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती
कोई भी पुलिस, CBI या जज कभी वीडियो कॉल पर पैसे नहीं मांगता

समय रहते 1.43 करोड़ रुपये की ठगी रोकी गई और बुजुर्ग को पूरी तरह सुरक्षित किया गया।

🧠 डिजिटल अरेस्ट पीड़ित की पहचान कैसे करें?

✔️ यदि कोई व्यक्ति:

  • अचानक बाहर जाना बंद कर दे
  • पूजा-पाठ, मित्रों से मिलना छोड़ दे
  • हमेशा घबराया हुआ रहे
  • फोन बंद रखे लेकिन WhatsApp चालू हो
  • कहे कि “जांच पूरी होने के बाद लौटूंगा”

👉 तो वह डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड का शिकार हो सकता है।

🏦 बैंक अधिकारी और फंड मैनेजर के लिए जरूरी निर्देश

  • अचानक FD, म्यूचुअल फंड या शेयर बेचने की मांग
  • अनजान खाते में तुरंत ट्रांसफर की जिद
  • “पुलिस केस”, “गिरफ्तारी” की बात
  • बैंक में आते समय लगातार वीडियो कॉल चालू होना

👉 ऐसी स्थिति में तुरंत साइबर क्राइम ब्रांच को सूचित करें

🎭 साइबर अपराधियों के आम हथकंडे

  • WhatsApp वीडियो कॉल
  • नकली गिरफ्तारी वारंट
  • सुप्रीम कोर्ट का फर्जी लोगो
  • पुलिस यूनिफॉर्म में वीडियो
  • डराने वाले शब्द:
    • Non-Bailable
    • Money Laundering
    • International Parcel
    • SIM का दुरुपयोग

📞 संदेह हो तो तुरंत संपर्क करें

साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, अहमदाबाद
📱 मोबाइल: 6359625220
☎️ लैंडलाइन: 079-22861917

👮‍♂️ सराहनीय भूमिका

  • PSI श्री पी.ए. हिरपरा
  • PC नीलेशभाई कालीदास
  • पलकभाई दोशी (सजग नागरिक)

यह घटना एक बड़ी सीख है:

  • डिजिटल अरेस्ट सिर्फ एक साइबर फ्रॉड है
  • डर ही अपराधियों का सबसे बड़ा हथियार है
  • जागरूकता, परिवार का सहयोग और समय पर सूचना से करोड़ों रुपये बचाए जा सकते हैं

👉 याद रखें:
पुलिस कभी वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी या पैसों की मांग नहीं करती।

सजग रहें, सुरक्षित रहें।

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