साइबर वर्ल्ड में भारत का परचम: पुष्पेंद्र यादव बने एशिया के ग्रैंडमास्टर

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साइबर वर्ल्ड में भारत का परचम: पुष्पेंद्र यादव बने एशिया के ग्रैंडमास्टर

भारत में साइबर सुरक्षा और डिजिटल अपराधों से लड़ने की दिशा में अनेक पुलिस अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन राज्य साइबर पुलिस ग्वालियर के पुष्पेंद्र सिंह यादव ने जिस ऊँचाई को छुआ है, वह न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।

इंडियन बुक ऑफ़ रिकॉर्ड से एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड तक का सफर

आप सभी के आशीर्वाद, सहयोग और स्नेह के कारण पुष्पेंद्र सिंह यादव का नाम पहले ही Indian Book of Record में दर्ज हो चुका था। यह उपलब्धि अपने आप में अत्यंत सम्मानजनक थी, लेकिन उनका सफर यहीं नहीं रुका।

साइबर अपराध और डिजिटल जांच की दुनिया—जिसे आज की भाषा में Cyber World कहा जाता है—में सबसे कम उम्र में 5 नेशनल अवार्ड प्राप्त करना अपने आप में बेहद दुर्लभ उपलब्धि है।
इन्हीं सफलताओं को आधार बनाकर वियतनाम, मलेशिया, नेपाल सहित 6 देशों में विस्तृत अंतरराष्ट्रीय सर्वे किया गया। इस सर्वे के बाद पुष्पेंद्र यादव के कार्य, दक्षता और योगदान को एशियाई स्तर पर मान्यता मिली।

एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में शामिल होने का सम्मान

अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीम ने साइबर सुरक्षा में उनके प्रभाव, नवीन कार्यों और उत्कृष्ट योगदान को परखने के बाद उनका नाम Asia Book of Records में दर्ज किया।
इसके साथ ही उन्हें Grandmaster की प्रतिष्ठित उपाधि प्रदान की गई।

सबसे बड़ी बात—

यह एशिया में पहली बार हुआ है कि किसी पुलिस सदस्य का नाम एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है।

यह उपलब्धि इतिहास में दर्ज हो गई है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।

लिंक (संदर्भ):
https://www.asiabookofrecords.com/grand-master-pushpendra-singh-yadav/

साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अनोखा योगदान

आज का समय डिजिटल है। इसी डिजिटल दुनिया में साइबर अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
इस चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में पुष्पेंद्र यादव ने—

  • साइबर अवेयरनेस के लिए अनोखी पहलों की शुरुआत की
  • युवाओं, स्कूलों और समाज को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए
  • कई जटिल साइबर अपराधों की वैज्ञानिक व फोरेंसिक तरीके से जांच की
  • तकनीकी नवाचारों का उपयोग करके साइबर फ्रॉड रोकने में मदद की
  • राष्ट्रीय स्तर पर साइबर प्रशिक्षण, व्याख्यान और जागरूकता कार्यक्रम संपन्न किए

ऐसे अथक प्रयासों ने उन्हें इस ऊँचाई तक पहुँचाया।

समाज और देश के लिए प्रेरणा

एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज होना केवल एक पुरस्कार नहीं, बल्कि यह संदेश देता है कि—

  • समर्पण
  • निरंतर सीखने की इच्छा
  • तकनीक के प्रति जुनून
  • और समाज की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता

किसी भी व्यक्ति को विश्व स्तर पर पहचान दिला सकती है।

यह उपलब्धि पूरे भारत के लिए गौरव का क्षण है और युवाओं के लिए उदाहरण कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो, तो उम्र कभी बाधा नहीं बनती।

एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में Grandmaster उपाधि प्राप्त करना पुष्पेंद्र सिंह यादव के संघर्ष, मेहनत और जनता के विश्वास का परिणाम है।
यह सम्मान न केवल व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि भारत की साइबर सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती का प्रतीक भी है।

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