अहमदाबाद साइबर क्राइम का बड़ा ऑपरेशन: ₹1.84 करोड़ चीनी ठगी में शामिल भारतीय गेटकीपर भोपाल से गिरफ्तार
🔍 केस का सार
अहमदाबाद शहर की साइबर क्राइम ब्रांच ने एक बड़े साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश करते हुए मध्यप्रदेश के भोपाल से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह आरोपी भारतीय नागरिकों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले चीनी साइबर गैंग से जुड़ा हुआ था।
फरियादी से कुल ₹1,84,67,620/- (1.84 करोड़) की ठगी की गई थी, जिसे यह गैंग "मल्टीपल क्लस्टर ट्रेडिंग" नाम के फर्जी ऑनलाइन निवेश मॉडल के तहत अंजाम दे रहा था।
🧾 शिकायत कैसे शुरू हुई?
- शिकायतकर्ता को सबसे पहले Facebook पर “भावेश” नाम की एक प्रोफाइल से संपर्क किया गया।
- फिर WhatsApp कॉल कर उसे "मल्टीपल क्लस्टर बिजनेस" में नफे का लालच दिया गया।
- आरोपी ने वेबसाइट sonnycoin.vip का लिंक भेजा और कहा कि यहाँ आधार कार्ड, ईमेल और पासवर्ड डालकर रजिस्टर करना होगा।
- बाद में उसे BIG DEAL 554 नाम के WhatsApp ग्रुप में जोड़ा गया, जहां विदेशी (चीनी) ठग सक्रिय थे।
- ₹2,000 से $30,000 USDT (क्रिप्टो) तक के निवेश स्कीम का लालच दिया गया।
- व्यापारी की तरह दिखने के लिए अलग-अलग भारतीय बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया।
- फरियादी से ₹5 लाख की एंट्री फीस के नाम पर भुगतान कराया गया।
- कुल मिलाकर आरोपी गैंग ने ₹1.84 करोड़ की ठगी की और एक भी पैसा वापस नहीं किया।
👮♂️ पुलिस जांच और गिरफ्तारी
अहमदाबाद साइबर क्राइम सेल ने:
- तकनीकी जांच की
- डिजिटल लोकेशन ट्रेस की
- आरोपी को भोपाल (मध्यप्रदेश) से गिरफ्तार किया
- अन्य स्थान: जूनागढ़, राजकोट, इंदौर, पुणे आदि
👤 मुख्य आरोपी – नीरज यादव की भूमिका
नीरज यादव का काम था:
- भारतीय बैंक खातों की व्यवस्था करना
- अकाउंट होल्डर को होटल में साथ रखकर ऑनलाइन स्कैम चलाना
- चीनी स्कैमर्स को Telegram के माध्यम से बैंक अकाउंट देना
- Telegram पर SMS.apk मालवेयर ऐप से खातों का एक्सेस शेयर करना
💡 नीरज कुल 14 बैंक खातों को चीनियों को बेच चुका है
💡 उन खातों पर 364 साइबर शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं
💰 कमिशन और मनी फ्लो
| आरोपी | कमिशन (₹) |
|---|---|
| भावना मानेक | ₹1,50,000 |
| दीपक गंगदेव | ₹2,00,000 |
| धार्मिक लाड़वा | ₹1,50,000 |
| अंकित पोकिया | ₹3,00,000 |
| नीरज यादव | ₹9,50,000 |
📌 अब तक नीरज अकेले ने चीनी गैंग से ₹68 लाख का कमिशन कमा लिया है।
🌍 चीनियों से संपर्क कैसे हुआ?
नीरज यादव ने:
- पहले अपना बैंक अकाउंट Telegram पर "Dbuddy" नाम के यूजर को दिया
- काफी पैसा मिलने पर वो चीनी गैंग के संपर्क में आ गया
- इसके बाद नियमित रूप से चीनी फ्रॉड ग्रुप्स को भारतीय बैंक खाते देने लगा
🔎 फ्रॉड की तकनीक और मोडस ऑपरेंडी
✔ Telegram ऐप + SMS.apk मालवेयर
✔ VPN और विदेशी IP
✔ नकली वेबसाइट + फर्जी क्रिप्टो स्कीम
✔ व्हाट्सऐप, फेसबुक, टेलीग्राम के जरिये टारगेट
✔ भारतीय बैंक खातों का उपयोग - फंड म्यूल्स
✔ होटल में अकाउंट होल्डर को 24 घंटे कंट्रोल में रखना
⚠️ सीखें और सावधान रहें
🚫 इनसे हमेशा बचें:
❌ अनजान लिंक
❌ Telegram/WhatsApp निवेश ग्रुप
❌ Crypto में गारंटीड प्रॉफिट
❌ विदेशी नंबर से कॉल
❌ वेबसाइट जो KYC मांगती हो
✔ अगर ठगी हो जाए:
📞 तुरंत 1930 पर कॉल करें
🌐 cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें
🏦 संबंधित बैंक को तुरंत बताएं
यह केस दिखाता है कि:
- विदेशी साइबर अपराधी अब भारतीय "बेटिंग अकाउंट" ऑपरेटरों की मदद ले रहे हैं
- Telegram और क्रिप्टोकरेंसी का गलत उपयोग तेजी से बढ़ रहा है
- साइबर ठगी में चीनी नेटवर्क बहुत सक्रिय हैं
- जागरूकता ही सबसे बड़ी रक्षा है
यदि आप भी किसी ऐसी "निवेश स्कीम", "बिजनेस प्लान" या "क्रिप्टो ग्रुप" से जुड़े हों—तो सावधान रहें!
वादा किया गया प्रॉफिट आपके पैसे गायब करने का जाल हो सकता है।
