23 साल बाद मिला न्याय – मोरबी पुलिस ने लूट और हत्या के फरार आरोपी को मथुरा (उत्तर प्रदेश) से किया गिरफ्तार
मोरबी शहर में सन 2002 में हुई लूट और हत्या की सनसनीखेज वारदात के मुख्य आरोपी को आखिरकार 23 साल बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मथुरा (उत्तर प्रदेश) के मंदिर में साधु बनकर छिपे इस आरोपी को मोरबी एल.सी.बी. (Local Crime Branch) और पेरोल-फर्लो स्क्वॉड की संयुक्त टीम ने दबोचा है।
🔹 मामला क्या था?
7 मई 2002 की शाम को मोरबी के ताजपर खाड़ी इलाके में 60 वर्षीय चंपाबेन की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। आरोपी ने उनकी सोने की चेन, पाटला और चांदी की कड़िया लूट ली थी। मृतका, शिकायतकर्ता अशोकभाई पॉपटभाई वराणिया की माता थीं।
इस गंभीर अपराध के मामले में मोरबी सिटी पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 302 (हत्या) और 394 (लूट) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
🔹 आरोपी कौन है?
इस केस में दो आरोपियों के नाम सामने आए थे –
- सोनल उर्फ सोना उर्फ धर्मावती (मूल निवासी – सोखड़ा, जिला वडोदरा)
- प्रेमसिंह उर्फ गुड्डू बघेल (मूल निवासी – अवर, तहसील कुम्हेर, जिला भरतपुर, राजस्थान)
दोनों आरोपी वारदात के बाद फरार हो गए थे। पुलिस ने कई जगह छापेमारी की, लेकिन वे नहीं मिले। 2002 में कोर्ट ने दोनों को फरार घोषित (Proclaimed Offender) कर दिया था और धारा 70 CrPC के तहत वारंट जारी किया गया था।
🔹 पुलिस की सूझबूझ और तकनीकी जांच से सफलता
हाल ही में मोरबी पुलिस को मानव स्रोतों और तकनीकी निगरानी से जानकारी मिली कि मुख्य आरोपी प्रेमसिंह उर्फ गुड्डू पिछले कई सालों से उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के छाता तालुका स्थित तरोली जानूबी गांव में “साधु प्रेमदास” के नाम से एक हनुमान मंदिर में रह रहा है।
एसपी मोरबी के निर्देश पर एल.सी.બી. और पेरोल-फर्लो स्क्वॉड की टीम तत्काल मथुरा रवाना हुई। स्थानीय पुलिस की मदद से छापेमारी की गई और आरोपी को मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया।
🔹 23 साल बाद मिला इंसाफ
आरोपी को कोर्ट द्वारा जारी वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया और उसे आगे की कार्रवाई के लिए मोरबी सिटी पुलिस के हवाले कर दिया गया।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने साधु बनकर स्थानीय भाषा और वेशभूषा अपनाकर अपनी पहचान पूरी तरह बदल ली थी। वह पिछले दो दशकों से मंदिर में सेवा और पूजा का कार्य कर रहा था, ताकि पुलिस की पकड़ से बच सके।
🔹 पुलिस का जन संदेश
मोरबी पुलिस ने जनता से अपील की है –
“क़ानून से भागना कभी संभव नहीं। अपराधी चाहे कितने भी समय तक छिपे रहें, पुलिस उन्हें ढूंढ निकालती ही है। क़ानून का पालन करेंगे तो ही सुरक्षित और फ़ायदे में रहेंगे।”
🔹 पुलिस टीम जिन्होंने यह सफलता हासिल की
इस सराहनीय कार्रवाई में निम्न अधिकारियों और कर्मचारियों की मुख्य भूमिका रही –
- श्री एम.पी. पंड्या, पुलिस इंस्पेक्टर, एल.सी.बी मोरबी
- PSI श्री बी.डी. भट्ट
- PSI श्री जे.पी. कणसागरा, पेरोल फर्लो स्क्वॉड
- एल.सी.બી. और पेरोल फर्लो टीम के अन्य सदस्य – ए.एस.आई. विक्रमसिंह बोराणा, हेड कॉन्स्टेबल भावेशकुमार मियात्रा, कॉन्स्टेबल विक्रमभाई राठौड़
मोरबी पुलिस की यह कार्रवाई न केवल 23 साल पुराने हत्या-लूट के केस में न्याय दिलाने का प्रतीक है, बल्कि यह इस बात का भी उदाहरण है कि अपराधी चाहे किसी भी रूप में क्यों न छिपे, कानून की पकड़ से बच नहीं सकता।
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