भारत की डिजिटल क्रांति: स्वदेशी 4G से लेकर 6G की दिशा में कदम

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🌐 भारत की डिजिटल क्रांति: स्वदेशी 4G से लेकर 6G की दिशा में कदम

(स्रोत: पीआईबी)

भारत तेजी से एक डिजिटल महाशक्ति (Digital Superpower) के रूप में उभर रहा है। मोबाइल तकनीक, 4G-5G कनेक्टिविटी और भविष्य की 6G पहलें न केवल भारत के तकनीकी सामर्थ्य को दिखाती हैं बल्कि यह भी सिद्ध करती हैं कि डिजिटल परिवर्तन अब सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि विकास की अनिवार्यता बन चुका है।

📱 मोबाइल कनेक्टिविटी का वैश्विक परिदृश्य

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, आज मोबाइल फोन का प्रसार दुनिया भर में बहुत तेजी से बढ़ा है।

  • उच्च आय वाले देशों में मोबाइल फोन की पहुँच 95% है।
  • जबकि निम्न आय वाले देशों में यह केवल 56% तक सीमित है।

यह आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि डिजिटल पहुंच में अब भी “डिजिटल डिवाइड” यानी डिजिटल असमानता बनी हुई है।

🚀 5G का असमान विस्तार

5G नेटवर्क आधुनिक इंटरनेट क्रांति की रीढ़ बन चुका है।

  • वैश्विक स्तर पर 5G कवरेज 51% तक पहुँच गई है।
  • लेकिन अगर आय के आधार पर देखें, तो उच्च आय वाले देशों में यह 84% तक है, जबकि निम्न आय वाले देशों में केवल 4% तक सीमित है।

👉 इसका अर्थ यह है कि तकनीकी विकास की गति समान नहीं है — विकसित देश तेजी से आगे बढ़ रहे हैं जबकि विकासशील देशों को अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

🌍 मोबाइल ब्रॉडबैंड बनाम फिक्स्ड ब्रॉडबैंड

आज दुनिया भर में मोबाइल ब्रॉडबैंड का उपयोग तेजी से बढ़ा है।

  • मोबाइल ग्राहकों की संख्या अब मोबाइल-सेलुलर उपयोगकर्ताओं के बराबर पहुँच रही है।
  • लेकिन फिक्स्ड ब्रॉडबैंड (जैसे फाइबर या वायर कनेक्शन) अभी भी एक विलासिता (luxury) बनी हुई है, जिसे सिर्फ शहरी और संपन्न वर्ग ही वहन कर पा रहा है।

📊 डेटा ट्रैफिक में भारी असमानता

इंटरनेट उपयोग और डेटा खपत में भी असमानता साफ नजर आती है।

  • उच्च आय वाले देशों में प्रति व्यक्ति औसत उपयोग 16.2 जीबी प्रति माह है।
  • जबकि निम्न आय वाले देशों में यह केवल 2 जीबी है।

यानी अमीर देशों के उपयोगकर्ता गरीब देशों की तुलना में 8 गुना अधिक डेटा इस्तेमाल करते हैं।

🇮🇳 भारत का स्वदेशी 4G स्टैक – आत्मनिर्भर डिजिटल छलांग

भारत ने हाल के वर्षों में स्वदेशी 4G स्टैक विकसित करके एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। यह न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता (Technology Self-Reliance) की दिशा में बड़ा कदम है बल्कि भारत के समावेशी डिजिटल विकास की नींव भी रखता है।

इसका महत्व कई दृष्टियों से है:

  1. लाखों भारतीयों को ऑनलाइन लाना,
  2. स्थानीय रोजगार के नए अवसर पैदा करना,
  3. वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी दूरसंचार समाधान (Telecom Solutions) तैयार करना,
  4. “Make in India” और “Digital India” को वास्तविकता में बदलना।

📶 5G और 6G – भविष्य की दिशा

भारत ने केवल 4G पर नहीं रुका, बल्कि अब वह 5G और 6G तकनीक की दिशा में भी अग्रसर है।

  • 5G नेटवर्क का विस्तार तेजी से हो रहा है।
  • सरकार द्वारा India 6G Alliance और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से 6G तकनीक का विकास जारी है।

इसका उद्देश्य है कि भारत अगली पीढ़ी की संचार क्रांति (Next Generation Communication Revolution) में वैश्विक नेतृत्व करे।

🌏 “विकसित भारत 2047” का लक्ष्य

सरकार का विज़न स्पष्ट है —

“भारत केवल अपने लिए नहीं, बल्कि दुनिया के लिए निर्माण करेगा।”

स्वदेशी तकनीक, 5G-6G जैसी उन्नत प्रणालियाँ और मजबूत निर्यात क्षमता भारत को Developed India 2047 के लक्ष्य तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाएंगी।

भारत का डिजिटल सफर यह दिखाता है कि जब तकनीक को आत्मनिर्भरता और सामाजिक समावेशिता के साथ जोड़ा जाता है, तो वह केवल अर्थव्यवस्था नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण का भी माध्यम बन जाती है।

स्वदेशी 4G स्टैक, 5G विस्तार और 6G अनुसंधान के साथ भारत न केवल डिजिटल इंडिया का सपना साकार कर रहा है, बल्कि पूरी दुनिया को यह संदेश दे रहा है कि —

“भारत अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि तकनीकी नवाचार का निर्माता है।”

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