🇰🇭 कंबोडिया के सिहानोकविल में बढ़ता श्रमिक आंदोलन — “काई बो” स्कैम कंपाउंड में भारतीय, पाकिस्तानी और इंडोनेशियाई मज़दूरों का उग्र विरोध, तोड़फोड़ और हिंसा से तनाव बढ़ा
कंबोडिया के सिहानोकविल शहर में स्थित “काई बो स्कैम कंपाउंड” (Kai Bo Scam Compound) में कल रात श्रमिकों का विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया।
यह विरोध बढ़ते शोषण, धार्मिक भेदभाव और वेतन न मिलने के मुद्दों पर शुरू हुआ, जो बाद में तोड़फोड़ और हिंसा में बदल गया।
प्रदर्शनकारियों ने ऑफिस परिसर के बाहर जमकर नारेबाज़ी की, पुलिस के पहुंचने के बाद भी वे कंपनी के दफ़्तर में घुस गए और संपत्ति को नुकसान पहुँचाया।
【西港狗推大闹中国城 电诈园区紧急报警求助】
昨晚,西港中国城凯博园区出现员工集体抗议事件,大量外国人在一栋办公楼门口聚集抗议,高喊抗议口号。
随着事态发展,园区保安控制不住事态,报警求助。西港警方随后派出多辆警车赶到现场,试图控制局势。
详情:https://t.co/HgAB2BHtez pic.twitter.com/Rxf1t13SlI
— 金边现场(onthegrounds) (@pponthegrounds) October 5, 2025
⚠️ प्रदर्शन की पृष्ठभूमि (Background of the Protest):
【西港狗推大闹中国城 电诈园区紧急报警求助】
昨晚,西港中国城凯博园区出现员工集体抗议事件,大量外国人在一栋办公楼门口聚集抗议,高喊抗议口号。
随着事态发展,园区保安控制不住事态,报警求助。西港警方随后派出多辆警车赶到现场,试图控制局势。
详情:https://t.co/HgAB2BHtez pic.twitter.com/Rxf1t13SlI
घटना सिहानोकविल के चाइना टाउन क्षेत्र में बने काई बो पार्क (Kai Bo Park) के भीतर हुई, जो एक कथित साइबर फ्रॉड इंडस्ट्रियल कंपाउंड माना जाता है।
इस क्षेत्र में काम करने वाले अधिकांश मज़दूर विदेशी नागरिक हैं — जिनमें
- 🇮🇳 भारतीय,
- 🇵🇰 पाकिस्तानी, और
- 🇮🇩 इंडोनेशियाई
श्रमिकों की संख्या प्रमुख है।
इन लोगों ने अवैतनिक वेतन (Unpaid Wages),
धार्मिक टकराव (Religious Conflicts) और
चीनी पर्यवेक्षकों (Chinese Supervisors) द्वारा अपमानजनक व्यवहार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
यह विरोध केवल वेतन का मुद्दा नहीं था — यह दक्षिण-पूर्व एशिया में विदेशी श्रमिकों के शोषण और मानवाधिकार उल्लंघनों की गहराती समस्या को उजागर करता है।
🔥 कैसे भड़की हिंसा:
सूत्रों के अनुसार, रविवार रात सैकड़ों विदेशी मजदूरों ने काई बो पार्क के मुख्य द्वार के सामने एकत्र होकर “Justice for Workers” और “Let Us Go Home” के नारे लगाए।
जब पुलिस मौके पर पहुँची, तो भीड़ पीछे नहीं हटी — बल्कि कंपनी के दफ़्तर में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट करने लगी।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भीड़ में अधिकांश भारतीय और पाकिस्तानी मजदूर थे, जबकि कुछ इंडोनेशियाई कर्मचारी भी शामिल थे।
🇵🇰 “Pakistan Rendahua” के नारे से पहचाने गए प्रदर्शनकारी:
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारियों द्वारा “Pakistan Rendahua” के नारे लगाए गए,
जो पाकिस्तान में भाईचारे और एकता का प्रतीक है — इसका अर्थ है “पाकिस्तान ज़िंदाबाद” या “हम एक हैं।”
इससे स्पष्ट हुआ कि विरोध में पाकिस्तानी मजदूरों की बड़ी भूमिका रही, जिन्हें चीनी पर्यवेक्षकों द्वारा धार्मिक भेदभाव और वेतन न मिलने की शिकायतें थीं।
但这些抗议的人员在警车到来后仍继续聚集抗议,甚至其中一部分人冲到电诈公司办公室进行暴力打砸。 pic.twitter.com/0DcMgqUyxv
— 金边现场(onthegrounds) (@pponthegrounds) October 5, 2025
🧑💻 काई बो स्कैम कंपाउंड क्या है?
但这些抗议的人员在警车到来后仍继续聚集抗议,甚至其中一部分人冲到电诈公司办公室进行暴力打砸。 pic.twitter.com/0DcMgqUyxv
— 金边现场(onthegrounds) (@pponthegrounds) October 5, 2025काई बो (Kai Bo) नामक यह इंडस्ट्रियल पार्क चीन की कंपनियों द्वारा स्थापित एक “टेक जोन” के रूप में प्रस्तुत किया जाता है,
लेकिन स्थानीय मीडिया और मानवाधिकार संगठनों के अनुसार,
यह “साइबर स्कैम ऑपरेशन हब” है —
जहाँ हजारों विदेशी मजदूरों से
- ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी,
- फर्जी ट्रेडिंग,
- और रोमांस स्कैम जैसी गतिविधियाँ
करवाई जाती हैं।
इन मजदूरों को अक्सर
- झूठे नौकरी के प्रस्तावों से बुलाया जाता है,
- उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते हैं,
- और उन्हें कठोर निगरानी में बंधक जैसा जीवन जीने पर मजबूर किया जाता है।
🇮🇳 भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए गंभीर चिंता:
भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में सैकड़ों परिवारों ने अपने परिजनों के कंबोडिया में फँसे होने की शिकायतें की हैं।
मई 2024 में सिहानोकविल के किम्बे 4 इंडस्ट्रियल पार्क में भी ऐसा ही विरोध हुआ था, जहाँ सैकड़ों भारतीय मजदूर “I want to go home” के नारे लगाते नजर आए थे।
बाद में भारतीय दूतावास ने हस्तक्षेप कर उन्हें स्वदेश वापस भेजा था।
⚖️ राजनयिक और मानवाधिकार प्रतिक्रिया:
इस नए विरोध के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि —
- पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय,
- भारत का विदेश मंत्रालय (MEA),
- और इंडोनेशियाई सरकार
कंबोडियाई प्रशासन से इस मुद्दे पर आधिकारिक जवाब और कार्रवाई की मांग करेंगे।
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी चेतावनी दी है कि सिहानोकविल जैसे क्षेत्र “आधुनिक डिजिटल गुलामी” (Modern Digital Slavery) के केंद्र बनते जा रहे हैं।
🌍 दक्षिण-पूर्व एशिया में बढ़ता साइबर फ्रॉड और शोषण:
चाइनीज़ निवेश और नियंत्रण:
अधिकांश साइबर पार्क चीनी निवेशकों के नियंत्रण में हैं, जहाँ स्थानीय कानूनों की अनदेखी की जाती है।धार्मिक और सांस्कृतिक भेदभाव:
विदेशी मजदूरों ने शिकायत की है कि उन्हें धर्म के आधार पर नीचा दिखाया जाता है।वेतन और मानवाधिकार हनन:
मजदूरों को महीनों तक वेतन नहीं दिया जाता और भागने की कोशिश पर हिंसा की जाती है।
काई बो स्कैम कंपाउंड का यह विरोध अब एक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संकट का रूप ले चुका है।
यह सिर्फ मजदूरों की नाराज़गी नहीं — बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया में बढ़ती मानव तस्करी, साइबर क्राइम और धार्मिक उत्पीड़न की सच्चाई को उजागर करता है।
यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो सिहानोकविल जैसे इलाके आधुनिक दौर के “डिजिटल कैम्प” बन जाएंगे,
जहाँ गरीबी और बेरोजगारी का फायदा उठाकर युवाओं को साइबर अपराध में धकेला जा रहा है।
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