अंतरराष्ट्रीय साइबर स्लेवरी रैकेट का पर्दाफाश: सूरत साइबर क्राइम सेल की बड़ी सफलता
सूरत शहर पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर स्लेवरी और ह्यूमन ट्रैफिकिंग रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह आरोपी भारत के युवाओं को विदेश में ऊँची सैलरी वाली नौकरी का लालच देकर म्यांमार स्थित चीनी गैंग की कंपनियों में भेजते थे, जहाँ उनसे जबरन साइबर फ्रॉड कराए जाते थे।
कार्रवाई की शुरुआत
पुलिस कमिश्नर अनुपमसिंह गहलौत और संयुक्त पुलिस कमिश्नर काइम राघवेन्द्र वत्स के मार्गदर्शन में नायब पुलिस कमिश्नर बिशाखा जैन तथा एसीपी एस.ई. डेनियल्स को ऑपरेशन की जिम्मेदारी दी गई। तकनीकी कार्यवाही और खुफिया सूचना के आधार पर साइबर सेल की टीम ने चंडीगढ़ (पंजाब) में दबिश दी और मुख्य आरोपी नीपेंदर उर्फ नीरव लवकुश चौधरी, प्रीत रसीकभाई कमाणी, और आशीष रमणलाल राणा को गिरफ्तार किया।
आरोपियों की करतूत
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आरोपी भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और इथियोपिया के युवाओं को नौकरी का लालच देकर म्यांमार भेजते थे।
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वहां चीनी गैंग की साइबर फ्रॉड कंपनियों में जबरन काम करवाया जाता था।
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हर युवक को भेजने पर आरोपी नीरव चौधरी को लगभग 3,000 USDT (₹2.5 से 3 लाख) का कमीशन मिलता था।
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प्रीत कमाणी और आशीष राणा भी इसी नेटवर्क का हिस्सा थे, जो गुजरात और अन्य राज्यों से लोगों को ट्रैफिक कराते थे।
आरोपियों की पृष्ठभूमि
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नीरव चौधरी (24 वर्ष) – मूल रूप से उत्तराखंड का निवासी, पहले खुद म्यांमार की चीनी कंपनी में HR के रूप में काम करता था और बाद में एजेंट बनकर युवाओं को वहां भेजने लगा।
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प्रीत कमाणी (21 वर्ष) – गुजरात के गोंडल का निवासी, पहले म्यांमार की चीनी कंपनी में काम किया और बाद में नीरव के साथ मिलकर रैकेट में शामिल हो गया।
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आशीष राणा (37 वर्ष) – गुजरात के तापी जिले का निवासी, दुबई में वीजा एजेंट था और गुजरात से युवाओं को कमीशन पर भेजता था।
जब्त किया गया सामान
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आरोपियों से कई मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किए गए हैं।
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इनके ज़रिये साइबर फ्रॉड कंपनियों और चीनी एजेंट्स से संपर्क साधा जाता था।
मामला दर्ज
सूरत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराएँ 318(4), 127, 143(3), 61(2), 3(5) तथा आईटी एक्ट 2008 की धारा 66(D), 84(B) के तहत केस दर्ज किया गया। अदालत ने आरोपियों को 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस ऑपरेशन में साइबर क्राइम सेल के कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने अहम भूमिका निभाई, जिनमें प्रमुख हैं:
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श्री बिशाखा जैन (नायब पुलिस कमिश्नर)
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श्री एस.ई. डेनियल्स (मददनीश पुलिस कमिश्नर)
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श्री एस.बी. पडे़रिया, श्री ए.एच. सलीया, श्री एन.आर. पटेल (पुलिस इंस्पेक्टर)
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धवल बलदाणिया (टेक्निकल ऑपरेटर)
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और अन्य पुलिसकर्मी
सावधान रहें – साइबर पुलिस की अपील
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सोशल मीडिया पर ऊँची सैलरी और विदेश में नौकरी के झांसे में न आएँ।
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किसी भी एजेंट द्वारा दी गई ऑफर की पूरी जांच-पड़ताल करें।
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किसी रिश्तेदार या परिचित के साथ ऐसा धोखा हुआ हो तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
📞 संपर्क नंबर:
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साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन: +91 7069052555
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हेल्पलाइन नंबर: +91 8160852285
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लेण्डलाइन: 0261-2653510
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सूरत साइबर मित्र चैट बॉट: +91 9328523417
👉 यह केस एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय साइबर गैंग भारत और पड़ोसी देशों के युवाओं को जाल में फँसाकर साइबर फ्रॉड में धकेल रहे हैं। पुलिस ने समय रहते कार्रवाई कर इस रैकेट को उजागर किया है, लेकिन आम नागरिकों की सतर्कता ही असली सुरक्षा है।