अहमदाबाद में साइबर फ्रॉड गैंग का भंडाफोड़, 3.16 करोड़ रुपये नकद जब्त

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अहमदाबाद शहर के पालडी पुलिस थाने ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गैंग का भंडाफोड़ किया है। यह गैंग देशभर के अलग-अलग राज्यों और शहरों में लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। पुलिस ने अब तक की जांच में इस नेटवर्क से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

कैसे खुला बड़ा साइबर फ्रॉड रैकेट?

  • पालडी इलाके के एक युवक से 25,000 रुपये की ऑनलाइन ठगी की शिकायत साइबर पोर्टल पर दर्ज कराई गई थी।
  • इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की तो एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ।
  • जांच में सामने आया कि फ्रॉड की रकम को अलग-अलग लेयर में ट्रांसफर किया जाता था।
  • तीसरे लेयर के खातों में रकम जमा होने के बाद, यूनियन बैंक सहित कई बैंकों से “सेल्फ चेक” के जरिए नकद निकासी की जाती थी।

लेन-देन और जब्ती

  • अब तक इस गैंग ने करीब ₹23.23 करोड़ के ट्रांजेक्शन किए हैं।
  • इनमें से ₹9.68 करोड़ की राशि आरोपियों ने निकाल ली थी।
  • पुलिस ने कार्रवाई में ₹3.16 करोड़ नकद, 15 मोबाइल फोन और कई चेकबुक जब्त की हैं।

बैंक अकाउंट कैसे इस्तेमाल होते थे?

  • आरोपी लोग भाड़े पर बैंक अकाउंट लेते थे।
  • खाताधारक से पहले ही चेकबुक पर साइन करवा लिए जाते थे।
  • “सेल्फ चेक” के जरिए रकम निकालकर निर्दिष्ट जगह पर जमा कराई जाती थी।
  • NCCRP पोर्टल से जुड़े कनेक्शन
  • दूसरे लेयर के यश बैंक खाते पर NCCRP पोर्टल में 136 शिकायतें दर्ज पाई गईं।
  • तीसरे लेयर के जुबिली हिल्स मर्चेंट खाते पर 518 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें कुल ₹23.23 करोड़ का लेन-देन दर्ज है।

गिरफ्तार आरोपी

  • पुलिस ने अहमदाबाद, महेसाणा और मानसा से इन आरोपियों को गिरफ्तार किया है:
  • आरिफखान अकबरखान मकराणी – (रहने वाला: शाहीबाग, अहमदाबाद, मूल निवासी: ईडर, साबरकांठा)
  • अश्विनकुमार नटवरलाल पटेल – (गांव जुनापरा, लाखवड, जिला महेसाणा)
  • स्मीत सतीषचंद्र चावड़ा – (कलोल, जिला गांधीनगर)
  • राकेश सवाराम प्रजापति – (आस्टोडिया, अहमदाबाद)
  • जगदीशकुमार महेंद्रभाई पटेल – (गांव इटादरा, मानसा, जिला गांधीनगर)
  • जसमीन राजुभाई खंभायता – (वस्त्रापुर, अहमदाबाद)
  • पुलिस की सख्त कार्रवाई
पालडी पुलिस स्टेशन के पीआई एम.आर. परडवा ने बताया कि जांच अभी जारी है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि यह अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क किन-किन लोगों से जुड़ा है और देशभर से मिली शिकायतों को किस तरह से इस गैंग ने अंजाम दिया।
👉 यह कार्रवाई एक बार फिर दिखाती है कि साइबर फ्रॉड का नेटवर्क कितना संगठित और खतरनाक हो चुका है। पुलिस की सतर्कता और समन्वित प्रयासों से करोड़ों रुपये की ठगी का पर्दाफाश संभव हो पाया।

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