डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड करने वाली गैंग का पर्दाफाश – कौशाम्बी पुलिस की बड़ी सफलता
कौशाम्बी जनपद की साइबर क्राइम थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड करने वाली अंतर्राज्यीय गैंग के 4 सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी खुद को सीबीआई/सीआईडी अधिकारी बताकर पोर्न वीडियो देखने और फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी देकर लोगों से ठगी कर रहे थे।
घटना का विवरण
पीड़ित युवक सुजीत कुमार को 25 अगस्त 2025 को साइबर अपराधियों ने वीडियो कॉल कर धमकी दी कि उसने अश्लील वीडियो देखा है और उस पर मुकदमा दर्ज होगा। इसके बाद उससे ₹31,500 की ठगी की गई। इस घटना की रिपोर्ट साइबर थाने में दर्ज कराई गई।
पुलिस ने तकनीकी जांच और इंटेलिजेंस के आधार पर कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश से गैंग के 4 सदस्यों को दबोच लिया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
- शरीफ उर्फ शाहबुद्दीन पुत्र बैरिसाल निवासी ग्राम मनोले पोस्ट पटेरी थाना बाकल जिला कटनी (मप्र)
- सुनील उर्फ सोनू पुत्र बैरिसाल निवासी ग्राम मनोले पोस्ट पटेरी थाना बाकल जिला कटनी (मप्र)
- राजू उर्फ एतबार पुत्र बैरिसाल निवासी ग्राम भदरा पोस्ट गंज थाना कटनी (मप्र)
- सद्दाम पुत्र बैरिसाल निवासी ग्राम भदरा पोस्ट गंज थाना कटनी (मप्र)
अपराध का तरीका
- गैंग के सदस्य खुद को पुलिस/सीबीआई अधिकारी बताकर अश्लील वीडियो देखने का आरोप लगाते थे। फिर वीडियो कॉल के जरिए डरा-धमकाकर फर्जी केस में फंसाने की धमकी देते और ऑनलाइन पेमेंट के जरिए रकम वसूलते।
- अब तक इस गिरोह ने देशभर में लगभग ₹43 लाख की ठगी की है।
जब्ती
- 04 एंड्रॉइड मोबाइल फोन
- 02 आधार कार्ड व एटीएम कार्ड
- ₹31,500 की ठगी गई राशि बरामद
NCRP पोर्टल पर दर्ज शिकायतें
- भरतपुर, राजस्थान – ₹90,000
- नई दिल्ली – ₹5,000
- जनपद पन्ना, मध्यप्रदेश – ₹2,20,000
- जनपद कौशाम्बी – ₹31,500
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस गैंग को गिरफ्तार करने में जनपद कौशाम्बी साइबर सेल टीम की अहम भूमिका रही। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तकनीकी जांच से आरोपियों को ट्रैक कर दबोचा।
डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड आज के समय में तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें अपराधी फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को डराकर ठगी कर रहे हैं। कौशाम्बी पुलिस की यह कार्रवाई अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल है।
सुझाव:
किसी भी अंजान कॉल पर विश्वास न करें।
खुद को पुलिस/सीबीआई बताने वाले संदिग्ध कॉल की तुरंत जांच करें।
कोई भी पेमेंट करने से पहले 1930 हेल्पलाइन या नजदीकी साइबर थाने में सूचना दें।
