कैडबरी चॉकलेट फ्रैंचाइज़ी के नाम पर ठगी करने वाली गैंग का भंडाफोड़ – दो मास्टर माइंड गिरफ्तार
राज्य साइबर पुलिस ग्वालियर को बड़ी सफलता हाथ लगी है। कैडबरी चॉकलेट फ्रैंचाइज़ी के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी करने वाले दो मास्टर माइंड को गिरफ्तार किया गया है। ये आरोपी सोनीपत (हरियाणा) में कॉल सेंटर चला रहे थे और अब तक लगभग ₹5,70,000/- की ठगी को अंजाम दे चुके हैं।मामला कैसे सामने आया?
- फरियादी प्रदीप सेन ने शिकायत दर्ज कराई कि उनसे केडवरी चॉकलेट की फ्रेंचाइज़ी दिलाने के नाम पर 5.70 लाख रुपये की ठगी हुई।
- मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर पुलिस ने अपराध क्रमांक 20/24 धारा 420 भादवि तथा आईटी एक्ट की धारा 66C और 66D के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
- जांच के दौरान पता चला कि ठगी की गतिविधियाँ विभिन्न राज्यों से संचालित हो रही हैं—कॉल एक राज्य से, ट्रांजेक्शन दूसरे राज्य से और कैश विदड्रॉअल तीसरे राज्य से किया जाता था।
ठगी का तरीका
- आरोपी गूगल पर फ्रेंचाइज़ी से जुड़ी खोज करने वाले लोगों का डेटा उठाते थे।
- फर्जी सिम और ट्रूकॉलर पर वेरीफाई किए गए नंबरों से कॉल कर खुद को कंपनी अधिकारी बताते थे।
- लोगों का विश्वास जीतने के बाद फ्रेंचाइज़ी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगते थे।
- बिहार, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में एजेंट और फर्जी खातों का नेटवर्क फैला रखा था।
- बैंक खातों के लिए युवाओं को नौकरी का लालच देकर बुलाया जाता था, उनके दस्तावेज रख लिए जाते थे और आधार में फर्जी मोबाइल नंबर लिंक करा दिया जाता था।
- ठगी की राशि तुरंत बिहार के अलग-अलग जिलों से एटीएम द्वारा कैश कर ली जाती थी, ताकि पुलिस तक सुराग न पहुंचे।
आरोपी कौन हैं?
- मनीष गुप्ता (31 वर्ष), निवासी – छपरा, बिहार
- दीपक कुमार (24 वर्ष), निवासी – गया, बिहार
पुलिस की मेहनत
- तकनीकी विश्लेषण और लगातार निगरानी के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
- इस पूरे अभियान में निरीक्षक मुकेश कुमार नारोलिया, उप निरीक्षक हिमानी पाठक, उप निरीक्षक शैलेन्द्र राठौर, प्र.आर. पवन शर्मा और आरक्षक पुष्पेन्द्र यादव की अहम भूमिका रही।
पुलिस अधिकारियों का मार्गदर्शन
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री ए. साई मनोहर द्वारा साइबर वित्तीय अपराधों के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए गए थे।पुलिस अधीक्षक, राज्य साइबर पुलिस ग्वालियर श्री प्रणय नागवंशी के निर्देशन और उप पुलिस अधीक्षक श्री संजीव नयन शर्मा के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई सफलतापूर्वक की गई।
यह मामला दर्शाता है कि साइबर अपराधी अब कंपनी फ्रेंचाइज़ी और नौकरी के झांसे का सहारा लेकर लोगों को ठग रहे हैं। इंटरनेट पर किसी भी फ्रेंचाइज़ी या निवेश से जुड़ी जानकारी खोजते समय सतर्क रहना बेहद ज़रूरी है।
👉 साइबर पुलिस की सतर्कता और तकनीकी जांच ने एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है, जिससे भविष्य में ऐसी ठगी के मामलों पर अंकुश लगेगा।
