तमिलनाडु साइबर क्राइम विंग ने इंटरनेशनल सिम बॉक्स नेटवर्क का भंडाफोड़ किया

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🚨 तमिलनाडु साइबर क्राइम विंग ने ध्वस्त किया अंतरराष्ट्रीय SIM Box नेटवर्क 🚨

तमिलनाडु साइबर क्राइम विंग ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए अंतरराष्ट्रीय SIM Box नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। यह नेटवर्क राज्य में सक्रिय था और विदेशी साइबर ठगों को भारत में VoIP कॉल्स (इंटरनेट कॉल्स) करने में मदद कर रहा था।

यह ऑपरेशन स्टेट साइबर कमांड सेंटर (SCCC) की तकनीकी टीम द्वारा किए गए गहन इंटेलिजेंस ऑपरेशन और टेलीकॉम ट्रैफिक पैटर्न की निगरानी के आधार पर संचालित हुआ।


🔎 ऑपरेशन की मुख्य बातें

  1. छह संदिग्ध गिरफ्तार – तंजावुर, रामनाथपुरम, मदुरै और चेन्नई से।

  2. 14 हाई-कैपेसिटी SIM बॉक्स जब्त – क्वेक्टल (Quectel) डिवाइस, चेन्नई और मदुरै में संचालित।

  3. चीनी लिंक – गिरफ्तार आरोपियों ने कबूला कि SIM बॉक्स उन्हें चीन के HwangHo District से कूरियर द्वारा मिले।

  4. गेटेड कम्युनिटी का इस्तेमाल – Urbanrise और Casa Grand जैसे सोसाइटी में SIM बॉक्स ऑपरेट किए गए।

  5. बैंकिंग फ्रॉड का खुलासा – आरोपियों ने बैंक मैनेजर की मदद से कई फर्जी खाते और ट्रस्ट खाते खोले ताकि जांच एजेंसियों से बचा जा सके।

  6. SIM कार्ड सप्लाई चैनल – एयरटेल की मदुरै शाखा से फर्जी तरीके से सिम कार्ड जारी करवाए गए।

👮 गिरफ्तार आरोपी

  • हबीब नैना (41) – रामनाथपुरम

  • विनोद (31) – तंजावुर

  • सरथ कुमार (27) – चेन्नई (भाई इमैनुएल के साथ उपकरण छुपाने का काम किया)

  • सरवनकुमार – कोटक महिंद्रा बैंक, विल्लीवक्कम शाखा का बैंक मैनेजर, रिश्वत लेकर खाते खुलवाए।

  • पांडीस्वरी (25) – एयरटेल स्टोर, मदुरै – अवैध सिम कार्ड जारी करने में शामिल।

💡 क्या था पूरा खेल?

चीनी मास्टरमाइंड ने भारतीय एजेंट्स को कमीशन का लालच देकर SIM बॉक्स ऑपरेट करने पर मजबूर किया। जब समय पर कमीशन नहीं मिला तो SIM बॉक्स लौटाने की बात हुई, जहां से और आरोपी सामने आए।

इन SIM बॉक्स से की गई कॉल्स का इस्तेमाल कई साइबर फ्रॉड केसों में हुआ था, जिनमें कांचीपुरम साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज केस भी शामिल है।

🚨 पुलिस की चेतावनी व सलाह (Advisory)

  • कमीशन के लालच में बैंक खाता खोलना, SIM बॉक्स चलाना या किसी डिवाइस को ट्रांसपोर्ट करना अपराध है।

  • मकान मालिक अपने घर या ऑफिस किराए पर देने से पहले किरायेदार की पूरी आईडी और सत्यापन करें।

  • डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज़ नहीं होती। ऑनलाइन किसी गिरफ्तारी की बात सिर्फ धोखा है।

  • कोई सरकारी एजेंसी कभी भी पैसे की मांग नहीं करती।

  • अपनी Aadhaar, PAN, बैंक डिटेल्स या OTP किसी को न दें।

  • अज्ञात वीडियो कॉल्स से बचें – ठग AI या रिकॉर्डेड वीडियो से अधिकारी बनकर धोखा दे सकते हैं।

  • AnyDesk, TeamViewer जैसे रिमोट एक्सेस ऐप किसी अंजान व्यक्ति के कहने पर इंस्टॉल न करें।

📞 शिकायत कहाँ करें?

👉 साइबर अपराध का शिकार होने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें।
👉 या शिकायत दर्ज करें: www.cybercrime.gov.in

✅ यह ऑपरेशन तमिलनाडु साइबर क्राइम विंग की ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी को दर्शाता है और यह संदेश देता है कि भारत में साइबर अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है।

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