आज के समय में साइबर अपराध सिर्फ स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं है बल्कि यह अब अंतरराष्ट्रीय संगठनों और नेटवर्क के जरिए संगठित तरीके से किया जा रहा है। हाल ही में अहमदाबाद शहर की साइबर क्राइम ब्रांच ने चीनी गैंग को मदद करने वाले "ठक़रार गैंग" के खिलाफ GCTOC (Gujarat Control of Terrorism and Organised Crime Act-2015) के तहत कड़ी कार्रवाई की है
मामला क्या है?
- चीनी गैंग, जो कंबोडिया और म्यांमार से भारतीय नागरिकों को निशाना बना रही थी, तरह-तरह के डिजिटल एरेस्ट फ्रॉड, शेयर मार्केट स्कैम और पार्ट टाइम जॉब फ्रॉड जैसे अपराध करती थी।
- इन अपराधों से निकली रकम को भारत में मौजूद ठक़रार गैंग क्रिप्टोकरेंसी (USDT) में बदलकर विदेश भेजती थी।
- अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने इस गैंग के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया है और भारी मात्रा में पासबुक, चेकबुक, डेबिट/क्रेडिट कार्ड, सिमकार्ड, मोबाइल फोन, कैश मशीन और नकदी बरामद की है।
गैंग की Modus Operandi (काम करने का तरीका)
- म्यूल बैंक अकाउंट उपलब्ध कराना – धोखाधड़ी की रकम जमा करने के लिए अलग-अलग लोगों के बैंक खातों का उपयोग।
- क्रिप्टो में कन्वर्जन – ठगी की रकम को निकालकर क्रिप्टोकरेंसी (USDT) में बदलना और फिर दुबई स्थित नेटवर्क तक पहुँचाना।
- सिम कार्ड सप्लाई – धोखाधड़ी कॉल, OTP बायपास और नकली KYC ऑपरेशन के लिए बड़ी संख्या में सिमकार्ड उपलब्ध कराना।
जब्त की गई चीज़ें:-
- 65 पासबुक
- 158 चेकबुक
- 45 डेबिट/क्रेडिट कार्ड
- 49 सिम कार्ड
- 12 मोबाइल
- ₹37 लाख से अधिक नकद
अब तक का नुकसान
जांच में सामने आया है कि इस नेटवर्क के जरिए ₹16 करोड़ से अधिक की 404 ऑनलाइन शिकायतें देशभर से दर्ज की गई हैं।
जनता के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा टिप्स
✔️ क्या न करें
- कभी भी अपना बैंक अकाउंट, सिम कार्ड या क्रिप्टो वॉलेट किसी को किराए पर या इस्तेमाल के लिए न दें।
- आसान पैसे, वर्क फ्रॉम होम ऑफर या कमिशन बेस्ड काम के झांसे में न आएं।
- अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, IT एक्ट और BNS/IPL के तहत कार्रवाई हो सकती है।
✔️ क्या करें
- अपना अकाउंट और सिम सिर्फ व्यक्तिगत और कानूनी लेन-देन के लिए ही इस्तेमाल करें।
- मजबूत KYC और पासवर्ड सुरक्षा रखें।
- OTP, PIN और वॉलेट की जानकारी कभी किसी से शेयर न करें।
- अगर कोई संदिग्ध काम के लिए संपर्क करे तो तुरंत नेशनल साइबर हेल्पलाइन 1930 या cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।
- यह केस दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय साइबर गैंग भारत में लोकल एजेंटों का इस्तेमाल करके बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी कर रहे हैं। अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच की यह कार्रवाई साइबर अपराधियों के लिए सख्त संदेश है कि ऐसे अपराध को कतई बख्शा नहीं जाएगा।
👉 याद रखें – कानून की अनभिज्ञता कोई बहाना नहीं है। अगर आपका बैंक अकाउंट, सिम या क्रिप्टो वॉलेट साइबर अपराध में इस्तेमाल होता है तो जिम्मेदारी आपकी होगी।
🚨 सतर्क रहें, सुरक्षित रहें और साइबर अपराधियों के हथियार न बनें।