🚨 नाइजीरियाई साइबर क्राइम गैंग का पर्दाफाश — अहमदाबाद सिटी साइबर क्राइम ब्रांच की बड़ी सफलता
अहमदाबाद सिटी साइबर क्राइम ब्रांच ने एक बड़े अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गैंग का पर्दाफाश किया है। यह गैंग नाइजीरियाई नागरिकों के नेटवर्क से जुड़ा हुआ था, जो भारत में बैठे लोगों के माध्यम से फर्जी कंपनियाँ बनाकर और बैंक खातों का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये की ठगी कर रहा था। पुलिस ने बेंगलुरु और मुंबई से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक नाइजीरियाई नागरिक भी शामिल है।
⚖️ फरियाद और धोखाधड़ी का तरीका (Modus Operandi)
फरियाद का आरंभ: अहमदाबाद निवासी निहार अमरजीत वर्मा के साथ ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया। एक अफ्रीकी कंपनी बनकर आरोपियों ने उनसे संपर्क किया और बताया कि वे “Eupatorium Mercola Liquid” नामक होम्योपैथिक दवा अफ्रीका में मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों के इलाज में उपयोग करते हैं।
फर्जी व्यापार का जाल: आरोपियों ने बताया कि भारत में यह दवा “Sharma Enterprises Manufacturing” नाम की कंपनी बेचती है।
अफ्रीकी कंपनी ने कहा कि वे इसे ₹6,500 में भारत से खरीदकर ₹11,000 में अफ्रीका भेज सकते हैं।
पहले परीक्षण के तौर पर शिकायतकर्ता से ₹5,52,500 की एक लीटर बोतल मंगवाई गई, जिसे दिल्ली में एक “अफ्रीकी लैब वैज्ञानिक” द्वारा स्वीकृत बताया गया।
फर्जी ऑर्डर और ठगी:
शिकायतकर्ता को फिर बड़ा ऑर्डर दिया गया।
आरोपियों ने 25% एडवांस के रूप में ₹27 लाख एक AXIS Bank खाते में जमा करवाए।
जब शिकायतकर्ता राजस्थान के भीलवाड़ा स्थित “Sharma Enterprises” पहुंचे, तो वहाँ ऐसी कोई कंपनी मौजूद नहीं थी।
💰 कुल ठगी की राशि: ₹32,72,500 फरियाद के आधार पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(2), 318(4), 319(2), 61(2) और IT Act की धारा 66(C), 66(D) के तहत मामला दर्ज किया गया।
👮♂️ गिरफ्तारी की कार्रवाई
सायबर क्राइम टीम ने टेक्निकल एनालिसिस और ह्यूमन इंटेलिजेंस के जरिए आरोपियों की पहचान की। पहले 5 आरोपियों को जामनगर से पकड़ा गया, और बाद में 6 अन्य को बेंगलुरु व मुंबई से गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपी:
कृष्णामती महेश चौधरी (नेपाल निवासी)
महेश विश्राम चौधरी (नेपाल निवासी)
सलीम अनवरउद्दीन शेख (महाराष्ट्र निवासी)
त्रिजुगीलाल बुधराम कुर्मी (मुंबई निवासी)
राजेशकुमार पृथ्वीपाल सरोज (उत्तर प्रदेश निवासी)
मादुफोर स्टीव उज़ोची (नाइजीरिया निवासी)
🔍 आरोपियों की भूमिका का विवरण
1️⃣ कृष्णामती और महेश चौधरी (पति-पत्नी):
“Shree Ram Enterprises” नाम से बैंक अकाउंट खोला गया।
₹5.52 लाख इस खाते में जमा करवाए गए।
उन्होंने यह राशि निकालकर त्रिजुगीलाल और राजेशकुमार को दी।
इन दोनों ने अब तक ₹6–7 लाख कमीशन के रूप में कमाए थे।
वे एक ही नाम से 12–15 बैंक अकाउंट खोलकर फर्जी लेनदेन करते थे।
2️⃣ सलीम शेख, त्रिजुगीलाल कुर्मी और राजेशकुमार सरोज:
ये लोग नाइजीरियाई गैंग के साथ काम करते थे।
इनके माध्यम से ठगी के पैसे बैंक खातों में ट्रांसफर कराए जाते और बाद में ATM या चेक के जरिये नकद निकाले जाते।
सलीम शेख पैसे से 10% कमीशन काटकर बाकी रकम नाइजीरियाई मुख्य आरोपी को भेजता था।
सलीम शेख दुबई स्थित गेमिंग और बेटिंग ऐप्स के लिए भी बैंक अकाउंट मुहैया कराता था।
3️⃣ मादुफोर स्टीव उज़ोची (नाइजीरियाई नागरिक):
भारत में अवैध रूप से फर्जी वीज़ा के माध्यम से रह रहा था।
मुख्य नाइजीरियाई गिरोह का सदस्य था, जो भारत में पैसे रिसीव कर अफ्रीका भेजने का काम करता था।
मुदामाल (बरामद वस्तुएं):
- मोबाइल फोन: 14
- सिम कार्ड: 07
- डायरी: 02
- डेबिट कार्ड: 33 (विभिन्न बैंकों जैसे SBI, BoB, Axis, Central Bank, Canara Bank, Federal Bank आदि के, जिनमें कई “Shree Ram Enterprises”, “Star Enterprises”, “M.G. Enterprises” के नाम पर जारी)
🏦 फर्जी बैंक खातों का नेटवर्क:
आरोपियों ने “Shree Ram Enterprises”, “Laxmi Enterprises”, “M.G. Enterprises”, “Star Enterprises”, “Royal Enter”, “Singh Enterprise” जैसे दर्जनों फर्जी नामों से 60 से अधिक बैंक अकाउंट खोले थे। इन खातों से अलग-अलग राज्यों — कर्नाटक, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, केरल — में 112 से अधिक शिकायतें दर्ज हुई हैं।
यह मामला दर्शाता है कि किस तरह साइबर अपराधी विदेशी नेटवर्क के माध्यम से भारतीय बैंकिंग सिस्टम का दुरुपयोग कर रहे हैं। अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच की त्वरित कार्रवाई से एक बड़ा अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी नेटवर्क उजागर हुआ है।
👉 सावधानी रखें:
किसी भी विदेशी कंपनी या ऑनलाइन व्यापार प्रस्ताव पर बिना सत्यापन के भरोसा न करें।
अज्ञात बैंक खातों या फर्जी कंपनियों के माध्यम से भुगतान न करें।
साइबर फ्रॉड की स्थिति में तुरंत www.cybercrime.gov.in या 1930 हेल्पलाइन पर शिकायत करें।
