टेलीग्राम टास्क फ्रॉड का मास्टरमाइंड गिरफ्तार: ग्वालियर साइबर पुलिस की बड़ी कार्रवाई
साइबर अपराधियों के खिलाफ चल रही मुहिम में ग्वालियर की राज्य साइबर पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। टेलीग्राम टास्क फ्रॉड के मास्टरमाइंड शाहाब खान (निवासी इंदौर) को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी होटल रेटिंग और ऑनलाइन टास्क के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर रहा था।
कैसे चलता था टेलीग्राम टास्क फ्रॉड?
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होटल रेटिंग का लालच: आरोपी लोगों को होटल रेटिंग और बुकिंग टास्क करने का झांसा देता था।
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परिवार और सिंडिकेट: अपने ही परिवार और करीबी लोगों के साथ मिलकर टेलीग्राम पर दलालों का ग्रुप चला रहा था।
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टेक्निकल स्किल: आरोपी VPN और IP बदलकर टेलीग्राम पर एक्टिव रहता था ताकि पुलिस की पकड़ से बच सके।
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फर्म के खाते का उपयोग: आरोपी कई फर्मों के खातों का इस्तेमाल करता था ताकि अधिक से अधिक ट्रांजेक्शन दिख सके।
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ऑटो-आंसर एप्लीकेशन: होटल रेटिंग अप-डाउन कराने के लिए एप का उपयोग कर पीड़ितों को फंसाता था।
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एनजीओ और आम लोगों को टारगेट: आरोपी खासतौर पर NGO के खातों और भरोसेमंद लोगों को निशाना बनाता था।
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डेटा चोरी और खरीद: आरोपी breached सर्वर से Gmail आईडी और मोबाइल नंबर चुराता या दलालों से खरीदता था।
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फर्जी नंबर और ट्रू-कॉलर: ट्रू-कॉलर पर फर्जी नाम डालकर खुद को गूगल का अधिकारी बताकर विश्वास जीतता था।
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फर्जी स्क्रीनशॉट और ट्रेनिंग: अपनी टीम को फेक स्क्रीनशॉट बनाने और लोगों को फंसाने की ट्रेनिंग देता था।
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मुनाफे का झांसा: शुरुआती इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न देकर लोगों को लालच में डालता और फिर बड़ी रकम निवेश कराने के बाद ब्लॉक कर देता था।
पीड़ित और केस की शुरुआत
ग्वालियर निवासी नरेन्द्र सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनसे होटल रेटिंग टास्क के नाम पर ₹6,79,800/- की ठगी की गई। इस शिकायत पर अपराध क्रमांक 37/2024 धारा 420 भादवि एवं 66D आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू हुई।
पुलिस की तकनीकी पड़ताल
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जांच में कई देशों के IP एड्रेस इस्तेमाल किए जाने का खुलासा हुआ।
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पुलिस टीम ने टेलीग्राम यूजर IDs और VPN का विश्लेषण कर आरोपी तक पहुंच बनाई।
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तकनीकी सबूत जुटाने के बाद मास्टरमाइंड शाहाब खान को इंदौर से गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपी
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नाम: शाहाब खान पुत्र इश्तियाक खान
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उम्र: 50 वर्ष
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निवासी: 69 असरफ नगर, खजराना, इंदौर
पुलिस टीम की भूमिका
इस मामले में निर्णायक भूमिका निभाने वाले अधिकारी और कर्मचारी:
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निरीक्षक वर्षा सिंह
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सहा. उप निरीक्षक राजेश बाबू राठौर
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प्र. आर. विकास पांडे
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आर. राधारमण त्रिपाठी
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आर. सतेन्द्र धाकड़
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आरक्षक पुष्पेन्द्र यादव
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म. आर. भावना बाथम
राज्य साइबर पुलिस जोन ग्वालियर की यह कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि साइबर अपराधियों को बच निकलना अब आसान नहीं है। साइबर पुलिस की तकनीकी दक्षता और सतर्कता से ऐसे गैंग का पर्दाफाश लगातार हो रहा है।
👉 सावधान रहें!
ऑनलाइन होटल रेटिंग, टास्क-बेस्ड जॉब या तेज मुनाफे का लालच देने वाले ऑफर्स से दूर रहें। कोई भी संदिग्ध कॉल, मैसेज या लिंक को तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर रिपोर्ट करें।