अहमदाबाद शहर की साइबर क्राइम पुलिस ने ₹1.19 करोड़ के सिम स्वैप धोखाधड़ी मामले में जांच पूरी कर ली है और पीड़ित को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। यह केस डिजिटल धोखाधड़ी की दुनिया में एक बड़ा उदाहरण बन गया है, जिसमें बैंकों और टेलीकॉम कंपनियों की जिम्मेदारी तय की गई है।
🔍 घटना का संक्षिप्त विवरण:
- 11 मार्च 2023 की रात 10 बजे से 12 मार्च 2023 की रात के दौरान, एक अज्ञात व्यक्ति ने accounts@collectivebearings.com नामक ईमेल आईडी से एक फर्जी रिक्वेस्ट corporatecare.india@vodafoneidea.com पर भेजी, जिसमें सिम कार्ड बदलने की मांग की गई थी। यह रिक्वेस्ट कंपनी के असली प्रतिनिधियों की जानकारी के बिना भेजी गई थी।
- इसके बाद पीड़ित कंपनी के ICICI बैंक खाते से ₹1,19,37,000 (₹1.19 करोड़) धोखाधड़ी से निकाल लिए गए। यह एक क्लासिक SIM Swap Fraud का मामला था।
📝 दर्ज की गई FIR और धाराएं:
- IPC की धारा 406, 420, 120B
- आईटी एक्ट की धारा 66(C), 66(D)
इस मामले की जांच साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर एम. आर. परडवा द्वारा की गई। जांच के दौरान पश्चिम बंगाल से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें बैंक खाता धारक, सिम प्रदाता, ईमेल उपयोगकर्ता और वोडाफोन स्टोर मैनेजर शामिल थे।
सभी आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त तकनीकी और दस्तावेजी सबूत इकट्ठा कर चार्जशीट दाखिल की गई।
⚖️ कानूनी प्रक्रिया और नागरिक शिकायत:
जांच में प्राप्त सबूतों के आधार पर पीड़ित ने गुजरात राज्य, गांधीनगर के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव और Adjudicating Officer के समक्ष नुकसान की भरपाई के लिए सिविल कंप्लेंट नंबर 1/2023 दायर की।
सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने समय-समय पर सबूत प्रस्तुत किए।
🏛️ अंतिम निर्णय: पीड़ित के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला
31 जुलाई 2025 को Adjudicating Officer ने पीड़ित के पक्ष में निर्णय दिया। निर्णय में ICICI बैंक और Vodafone Idea Limited दोनों को "Intermediary" मानते हुए यह आदेश पारित किया गया:
🏦 ICICI बैंक:
₹10,00,000 जुर्माने के रूप में
₹1,05,00,000 मुआवजे के रूप में
📶 Vodafone Idea Limited:
₹5,00,000 जुर्माने के रूप में
दोनों कंपनियों को आदेश की तारीख से 6 सप्ताह के भीतर भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही, दोनों संस्थानों को 6 महीने के भीतर आंतरिक खामियों की जांच और सुधार के निर्देश भी दिए गए हैं।
📌 मुख्य बिंदु:
- सिम स्वैप फ्रॉड के ज़रिए डिजिटल धोखेबाज़ों ने बड़ी राशि चुराई।
- साइबर पुलिस की तत्परता और साक्ष्य एकत्रित करने की कुशलता से 6 आरोपियों की गिरफ्तारी और चार्जशीट दाखिल हुई।
- यह मामला भारत में साइबर अपराधों के खिलाफ बैंकों और टेलीकॉम कंपनियों की जवाबदेही तय करने वाला ऐतिहासिक उदाहरण बना।
- पीड़ितों को सिर्फ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, वे Adjudicating Officer के समक्ष भी मुआवजे की मांग कर सकते हैं।
🔐 साइबर सुरक्षा के लिए जरूरी सुझाव:
- अपना मोबाइल नंबर और OTP किसी से साझा न करें।
- अपने बैंक खाते पर SMS और ईमेल अलर्ट सक्रिय रखें।
- सिम नेटवर्क बंद होते ही तुरंत टेलीकॉम कंपनी से संपर्क करें।
- संदेहास्पद ईमेल और कॉल से सतर्क रहें।
- साइबर अपराध की शिकायत www.cybercrime.gov.in पर करें या नजदीकी साइबर थाना में जाएं।
📢 सजग रहें, सतर्क रहें, साइबर सुरक्षित रहें!
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